घट स्थापना की विधि, सम्पूर्ण घटस्थापना विधि | घटस्थापन कैसे करे ? जवारा की स्थापना कैसे करे ? नवरात्री में कलशस्थापन ?

 


घट स्थापना की विधि (Step-by-Step Process)

1️⃣ पूजन स्थल की शुद्धि एवं तैयारी

✔ सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
✔ एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
✔ माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।


2️⃣ वेदी (जौ बोने) की तैयारी

✔ एक मिट्टी के पात्र में शुद्ध मिट्टी डालें।
✔ इसमें जौ (सप्तधान्य) बो दें और हल्का जल छिड़कें।
✔ यह जौ अक्षत (वृद्धि) और शुभता का प्रतीक माना जाता है।


3️⃣ घट (कलश) स्थापना विधि

✔ एक तांबे, मिट्टी या पीतल के कलश में गंगाजल भरें।
✔ उसमें सुपारी, सिक्के, पंचरत्न और अक्षत (चावल) डालें।
✔ कलश के मुख पर पान या आम के पत्ते रखें।
✔ उसके ऊपर नारियल (लाल कपड़े में लपेटा हुआ) रखें।
✔ मौली (कलावा) से कलश को बांधकर स्थापित करें।


4️⃣ माँ दुर्गा का आवाहन और पूजन

✔ "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का जाप करते हुए कलश की स्थापना करें।
✔ माँ दुर्गा को रोली, चंदन, अक्षत, लाल फूल, दूर्वा, सुगंधित धूप, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें।
✔ माँ दुर्गा को सिंदूर, कुमकुम और वस्त्र चढ़ाएं।
माँ दुर्गा की आरती करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।


5️⃣ अखंड ज्योत जलाना (यदि संभव हो)

✔ नवरात्रि के दौरान घी या तेल का दीपक जलाकर अखंड ज्योत प्रज्वलित कर सकते हैं।
✔ ध्यान रहे कि ज्योत पूरी नवरात्रि जलती रहनी चाहिए।


🌟 घट स्थापना के बाद का नियम

✔ प्रतिदिन सुबह और शाम माँ दुर्गा की पूजा करें।
✔ भोग में फलों, मखाने, नारियल, हलवा या खीर का प्रसाद चढ़ाएं।
✔ अंतिम दिन कन्या पूजन और हवन करने के बाद कलश विसर्जन करें।


📌 विशेष सावधानियां

✅ कलश स्थापना का समय शुभ मुहूर्त में करें।
✅ व्रत रखने वाले को सात्विक आहार और नियमों का पालन करना चाहिए।
✅ पूजा में पूरी शुद्धता और श्रद्धा बनाए रखें।

🔱 "जय माता दी!" 🙏🚩